Raj Laxmi सृष्टि (संपूर्ण दुनिया)

 राधे राधे/ प्रणाम/सलाम/ सतश्री अकाल.....


मेरा नाम रोहन है मेरी उम्र 32 वर्ष है, मैं ग्वालियर का रहने वाला हूँ। 

मैं बस उन लोगो को सावधान करना चाहता हूँ। जो किसी से इतना प्रेम करते हैं कि, अपना सब कुछ दाव पर लगा देते हैं और बदले में सिर्फ धोखा ही पाते है। कुछ ऐसी ही कहानी मेरे मित्र की भी है, जिसका नाम श्रेयांश है वो लगभग मेरे साथ क्लास 10 से पढ़ा है और मेरा अच्छा दोस्त भी है। उसकी जिंदगी में जो भी आया ऐसा लग मानो वो सिर्फ धोखे खाने के लोए ही बना है, उसके जीवन मे सृष्टि नाम की लड़की आयी जो सिर्फ अपना मतलब निकल के चली गायी। किसी को टाइम पास करना था तो कोई परिवार के दबाव में दूर हो गया। लेकिन ज्यादातर लड़कियों ने सिर्फ एक ही बहना बनाया की श्रेयांश एक निम्न जाति का लड़का है। सयोंग की बात तो ये है कि श्रेयांश का रेहान सहन इतना और शिक्षा इतनी ठीक है कि जाति का आरोप उसके सामने शुद्र है, लेकिन ये तो समाज और लोगो को सोच पर निर्भर है कि उन्हें लय पसन्द है या कुछ नही। अभी लगभग 4 माह पूर्व ही श्रेयांश का अपनी महिला मित्र से  ब्रेकअप होगया है। लड़की (सृष्टि) जो लगभग श्रेयांश से 35 कि. मी. की दूरी पर रहती है अपने माँ बाप के कहने में श्रेयांश से दूर होगयी शायद या मुझे तो लगता है कि उसकी जिंदगी में एक उसका पूर्व का प्रेम था जो सजातीय और उच्च कुलीन एवं लड़की का सहपाठी, व उसके गई शहर में रहने वाला है। उस लड़के का सम्बंध बहुत सी लड़कियों से है। बस उसका पॉजिटिव पॉइंट इतना है कि सृष्टि ओर वो युवक एक ही जाती के है और एक एक दूसरे के रिश्तेदार भी हैं। ईश्वर ही जाने क्या माया है। पर वो लड़की शायद एक साथ 2 लोगो को चला रही थी। प्यार का नाम श्रेयांश के साथ और सम्बन्ध उस लड़के के साथ। लड़की के माता पिता को श्रेयांश इसलिए पसन्द नही था क्योंकि वो निम्न जाति का है, माँ बाप में लड़की को ऐसा घुमाया की वो लड़की श्रेयांश से बिना किसी बात के लड़ाई झगड़े करने लगी , और एक दिन अपनी माँ से फिर पिता जी श्रेयांश को गाली दिलवाने लगी।  श्रेयांश ये सब बरदास कर गया लेकिन उसका धोखा बरदास न कर सका और उसने आत्महत्या का प्रयास किया। चुकी श्रेयांश ह्रदय रोग से पीड़ित है तो उसने कई बार सृस्टि को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन सृस्टि पर तो मानो जैसे उस लड़के और उसके मा बाप, जाति का भूत सवार हो गया था। तो उसने श्रेयांश से बात करना तक ज़रूरी न समझा। 

लड़की के मा बाप का कहना था कि वो बहुत सभ्य है, पर क्या सभ्य लोग मा बहन की गलियां देते है? क्या बाप गोली मारने की बात करता है। मुद्दा तो ये है कि, सृष्टि ने श्रेयांश से वादा किया था को वो श्रेयांश के आगे हमेशा खड़ी रहेगी हर परिस्थिति में, लेकिन जब श्रेयांश को ज़रूरत थी तो सृष्टि सबसे पहले पीछे हटकर घर वालो से गाली दिलवाने लगी। और 2 दिन बाद उस लड़के के साथ रुकने लगी जो उसकी ही जाती का है। 

प्रेम उसी से करना चाहिए जो सजातीय हो या लोगो को प्रेम करने से पहले जाति, पैसा देखना चाहिए। लोग प्यार तो कर लेते है लेकिन प्यार आज के समय सिर्फ जिस्मो की भूख को मिटाने के लिए हो रहा है, सच्चा प्रेम तो इस सब से ऊपर है।.....

ये घटना जारी रहगी.......

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